दोस्तों आज मै आपको एक साहस पर आधारित प्रेरणादायक कहानी बताने जा रही हूं | जिस से आपको ये एहसास हो जायेगा की कितनी भी भीड़ क्यों न हो लेकिन आप साहस करके उस भीड़ से बाहर निकल सकते हो | मुट्ठी भर लोग ! साहस पर प्रेरणादायक कहानी Inspirational story on courage
मुट्ठी भर लोग ! साहस पर प्रेरणादायक कहानी Inspirational story on courage
हर साल गर्मी की छुट्टीयों में गणेश अपने दोस्तों के साथ किसी पहाड़ी इलाके में पर्वतारोहण करने के लिए जाता था | इस साल भी वह अपने दोस्त नागेश के पास पहुंचा |
परीक्षक उन्हें एक famous जगह पर ले गया | गणेश और उसके दोस्तों ने सोचा नहीं था की यहाँ इतनी भीड़ रहने वाली है | हर तरफ लोग ही लोग नज़र आने लगे थे |
एक दोस्त बोला ” यार यहाँ तो शहर जैसी भीड़ है ….यहाँ चढ़ाई करने में क्या मजा ???”
“क्या कर सकते है …..अब आ ही गए है तो अफ़सोस करने से क्या फायदा ….. चलो इसी का मजा उठाते है …..”, गणेश ने जवाब दिया |
सभी दोस्त पर्वतारोहण करने लगे और कुछ ही समय में पहाड़ी की चोटी पर पहुँच गए |
वहाँ पर पहले से ही बहुत से लोगों की भीड़ मौजूद थी | दोस्तों ने सोचा चलो अब इस भीड़ में दो-चार घंटे कैम्पिंग करते है और फिर वापस लौटते है | तभी गणेश ने सामने की एक चोटी की तरफ इशारा करते हुए कहाँ ,”रुको -रुको …. जरा उस चोटी की तरफ भी देखो ….. वहाँ पर तो बस मुट्ठी भर लोग ही दिख रहे है …..कितना मजा आ रहा होगा ….क्यों न हम वहाँ चलते है |”
“वहाँ !” एक दोस्त बोला , “अरे वहाँ जाना सबके बस की बात नहीं है ….. उस पहाड़ी के बारे में मैंने सुना है , वहाँ का रास्ता बड़ा मुश्किल है और कुछ लकी लोग ही वहाँ तक पहुँच पाते है “|
बगल में खड़े कुछ लोग गणेश का मजाक उड़ाते हुए कहाँ ,” भाई अगर वहाँ जाना इतना आसान होता तो हम सब यहाँ झक नहीं मार होते !”
लेकिन गणेश ने किसी की बात नहीं सुनी और अकेला ही चोटी की तरफ बढ़ चला , और तीन घंटे के बाद वह उस पहाड़ी के शिखर पर जा पहुंचा |
वहाँ पहुँचने पर पहले से मौजूद लोगों ने उसका स्वागत किया और उसे एंकरेज किया |
जाते – जाते गणेश ने बाकि लोगों से पूंछा “, एक बात बताइए …. यहाँ पहुँचना इतना मुश्किल तो नहीं था , मेरे ख्याल से तो जो उस भीड़ -भाड़ वाली चोटी तक पहुँच सकता है वह अगर थोड़ी सी और मेहनत करे तो इस चोटी को भी छु सकता है ….. फिर ऐसा क्यों है की वहाँ हजारो लोगों की भीड़ है और यहाँ बस मुट्ठी भर लोग ?”
वहाँ मौजूद एक पर्वतारोहक बोला ,” क्योंकि ज्यादा तर लोग उसी में खुश हो जाते है जो उन्हें आसानी से मिलता है ….. वे सोचते ही नहीं की उनके अंदर और कुछ पाने की क्षमता है …. और जो थोड़ा पाकर खुश भी नहीं होते वे कुछ ज्यादा पाने के लिए रिस्क भी नहीं उठाते ….वे डरते है की कहीं ज्यादा पाने के चक्कर में जो हाथ आया वो भी नहीं मिलेगा | जब की हकीकत यह है की अगली मंजिल पाने के लिए जरा से और साहस की जरुरत होती है ! पर साहस ना दिखा पाने के कारण अधिक तर लोग पूरी जीवन भर सिर्फ भीड़ का हिस्सा ही बन कर रह जाते है …. और साहस दिखाने वाली उन मुट्ठी भर लोगों को लकी बताकर खुद को तसल्ली देते रहते है |”
तो दोस्तों , मै आपसे यही कहना चाहती हूं की आप आज तक अपना अगला कदम उठाने से खुद को रोंके हुए हो तो ऐसा मत कीजिये क्योंकि ,..
अगली मंजिल पाने के लिए आप को बस जरा से साहस की जरुरत होती है | खुद को उस effort को करने से रोकिये मत ….थोड़ा सा साहस …. थोड़ी सी हिम्मत आपको उस भीड़ से निकालकर उन मुट्ठी भर लोगों में शामिल कर सकती है जिन्हें पूरी दुनिया lucky कहती है |
तो दोस्तों आज की मुट्ठी भर लोग यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी इसके बारे में आपके विचार हमे बताइए , ताकि हम आपको ऐसी ही कहानिया सुनते रहे |
यह भी पढ़े :-