“जिस की लाठी उस की भैंस।”- हिंदी प्रेरणादायक कहानी यह कहानी आप जरुर पढ़े | इस कहानी से आपको प्रेरणा मिलनेवाली है |
“जिस की लाठी उस की भैंस।”- हिंदी प्रेरणादायक कहानी
तो कहानी कुछ यह है कि एक ब्राह्मण को कहीं से यजमानी में एक भैंस मिली | उसे लेकर वह घर की ओर रवाना हुआ | सुनसान रास्ते में वह पैदल ही चला जा रहा था | बीच रास्ते में उसे एक चोर मिला | उसके हाथ में मोटा डण्डा था और शरीर से भी वो अच्छा तगड़ा था | उसने ब्राह्मण को देखते ही कहा – “क्यों ब्राह्मण देवता, खूब दक्षिणा मिली लगती है, पर यह भैंस तो मेरे साथ जाएगी |“
ब्राह्मण ने झट कहा- “क्यों भाई?”
चोर बोला- “क्यों क्या? जो कह दिया सो करो | भैंस छोड़ कर चुपचाप यहाँ से चलते बनो, वरना लाठी देखी है, तुम्हारी खोपड़ी के टुकड़े- टुकड़े कर दूँगा |”
अब तो ब्राह्मण का गला सूख गया | हालाँकि शारीरिक बल में वह चोर से कम नहीं था | पर खाली हाथ वह करे भी तो क्या करे? विपरीत समय में बुद्धिबल काम आया | ब्राह्मण बोला- “ठीक है भाई, भैंस भले ही ले लो, पर ब्राह्मण की चीज यों छीन लेने से तुम्हें पाप लगेगा | बदले में कुछ देकर भैंस लेते तो पाप से बच जाते |”
चोर बोला- “यहाँ मेरे पास देने को धरा क्या है?” ब्राह्मण ने झट कहा- “और कुछ न सही, लाठी देकर भैंस का बदला कर लो |”
चोर ने खुश हो कर लाठी ब्राह्मण को पकडा दी और भैंस पर दोंनो हाथ रख कर खड़ा हो गया | तभी ब्राह्मण कड़क कर बोला- “चल हट भैंस के पास से, नहीं तो अभी खोपड़ी दो होती है |”
चोर ने पूछा-“ क्यों?”
ब्राह्मण बोला-“ क्यों क्या ? जिस की लाठी उस की भैंस |”
चोर को अपनी बेवकूफी समझ आ गयी और उसने वहाँ से भागने में ही भलाई समझी | किसी ने सच ही कहा है कि जिसमें अक्ल है, उसमें ताकत है |
तो अब समझे कि यह कहावत यहीं से शुरू हुई, जिस की लाठी उस की भैंस |
तो दोस्तों आज की यह कहानी कैसे लगी इसके बारे में हमे जरुर बताइए | धन्यवाद् |
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