हेल्लो friends आप सभी का फिर से प्यारी ख़बर पर स्वागत है | आज एक कहानी बताने जा रही हूं | यह एक प्रेरणादायक कहानी है , आप इस कहानी को जरुर पढ़िए | Value Of Coin Story In Hindi सिक्के का मूल्य
Value Of Coin Story In Hindi सिक्के का मूल्य
गाँधी जी देश भर में भ्रमण कर चरखा संघ के लिए धन इकठ्ठा कर रहे थे। अपने दौरे के दौरान वे ओड़िसा में किसी सभा को संबोधित करने पहुंचे । उनके भाषण के बाद एक बूढी गरीब महिला खड़ी हुई, उसके बाल सफ़ेद हो चुके थे, कपडे फटे हुए थे और वह कमर से झुक कर चल रही थी, किसी तरह वह भीड़ से होते हुए गाँधी जी के पास तक पहुची।
”मुझे गाँधी जी को देखना है।” उसने आग्रह किया और उन तक पहुच कर उनके पैर छुए।
फिर उसने अपने साड़ी के पल्लू में बंधा एक ताम्बे का सिक्का निकाला और गाँधी जी के चरणों में रख दिया। गाँधी जी ने सावधानी से सिक्का उठाया और अपने पास रख लिया। उस समय चरखा संघ का कोष जमनालाल बजाज संभाल रहे थे। उन्होंने गाँधी जे से वो सिक्का माँगा, लेकिन गाँधी जी ने उसे देने से माना कर दिया।
” मैं चरखा संघ के लिए हज़ारो रूपये के चेक संभालता हूँ”, जमनालाल जी हँसते हुए कहा ” फिर भी आप मुझपर इस सिक्के को लेके यकीन नहीं कर रहे हैं।”
” यह ताम्बे का सिक्का उन हज़ारों से कहीं कीमती है,” गाँधी जी बोले।
” यदि किसी के पास लाखों हैं और वो हज़ार-दो हज़ार दे देता है तो उसे कोई फरक नहीं पड़ता। लेकिन ये सिक्का शायद उस औरत की कुल जमा-पूँजी थी। उसने अपना सारा धन दान दे दिया। कितनी उदारता दिखाई उसने…। कितना बड़ा बलिदान दिया उसने!!! इसीलिए इस ताम्बे के सिक्के का मूल्य मेरे लिए एक करोड़ से भी अधिक है।”
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